बुलंदशहर देश के छठे सबसे प्रदूषित शहरों में:प्रशासनिक इंतजामों पर सवाल,AQI 356 के पार...TV Newsकल तक

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Repoter Kadeem Rajput TV Newsकल तक

November 12, 2025

बुलंदशहर देश के छठे सबसे प्रदूषित शहरों में:प्रशासनिक इंतजामों पर सवाल,AQI 356 के पार...TV Newsकल तक

बुलंदशहर की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बुलंदशहर देश के शीर्ष दस प्रदूषित शहरों में छठे स्थान पर पहुंच गया है। रविवार को जिले का एक्यूआई 356 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों में आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। शहर की मुख्य सड़कों, निर्माण स्थलों और औद्योगिक क्षेत्रों में धूल और धुआं प्रदूषण के प्रमुख कारण बन रहे हैं। नगर क्षेत्र में जगह-जगह खुले में रखी निर्माण सामग्री, बालू और बजरी ने धूल का स्तर और बढ़ा दिया है। इसके अलावा, वाहन उत्सर्जन और पराली जलाने की घटनाएं भी हवा में सूक्ष्म कणों (PM2.5 और PM10) की मात्रा में वृद्धि कर रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार, लगातार बढ़ते प्रदूषण से बुजुर्गों, बच्चों और दमा के मरीजों के लिए स्थिति गंभीर हो सकती है। स्थानीय निवासियों ने सुबह-शाम धुंध और धुएं की परत से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत की है। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने, अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने और अधिक से अधिक पौधे लगाने की सलाह दी है। नगर पालिका और प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा पानी का छिड़काव, सफाई और जागरूकता अभियान चलाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। मुख्य सड़कों पर न तो नियमित रूप से पानी का छिड़काव हो रहा है और न ही निर्माण सामग्री को ढका जा रहा है। ग्रेप (GRAP) का दूसरा चरण लागू होने के बावजूद, रात के समय में सरकारी विभागों द्वारा निर्माण कार्य जारी हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन का रवैया केवल खानापूर्ति तक सीमित है, जबकि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है।

Published on November 12, 2025 by Repoter Kadeem Rajput TV Newsकल तक
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