बुलंदशहर में धर्मांतरण रैकेट के 9 सदस्य अरेस्ट:10 सालों से सक्रिय,पश्चिमी UP में नेटवर्क,4 दर्जन दलितों को कर चुके ईसाई धर्म में कंवर्ट...TV Newsकल तक

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Reporter Kadeem Rajput TV Newsकल तक

August 12, 2025

बुलंदशहर में धर्मांतरण रैकेट के 9 सदस्य अरेस्ट:10 सालों से सक्रिय,पश्चिमी UP में नेटवर्क,4 दर्जन दलितों को कर चुके ईसाई धर्म में कंवर्ट...TV Newsकल तक

यूपी के बुलंदशहर में पिछले कई दिनों से सक्रिय धर्मांतरण गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के 9 सदस्यों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह गिरोह गरीब दलित परिवारों को टारगेट करता था। रुपए और अन्य प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में कंवर्ट कराने का काम करता था। एसपी सिटी शंकर प्रसाद ने बताया- गिरोह के लोग गांव में आते और अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों से संपर्क साधते। पहले मुफ्त साहित्य और सहायता का लालच दिया जाता, फिर कुछ आर्थिक मदद, और धीरे-धीरे धर्म परिवर्तन कराया जाता। पुलिस के अनुसार- यह गिरोह पिछले 10 सालों से सक्रिय और इसका नेटवर्क पश्चिमी यूपी के कई जिलों में फैला हुआ है। पुलिस ने मौके से बाइबल, नगद, कई धर्म परिवर्तमन प्रमाण पत्र, आधार कार्ड की कॉपियां, कैशबुक, ट्रस्ट की बैलेंस शीट आदि भी बरामद किए हैं।एसपी सिटी ने बताया- सोमवार रात करीब 10 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि सिकंदराबाद के वीरखेड़ा गांव में कुछ लोग एक घर में जनसभा करके लोगों का धर्म परिवर्तन करने का काम कर रहे हैं। तत्काल छापेमारी की गई। मौके से 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है। आरोपियों की पहचान सिकंदराबाद के वीरखेड़ा निवासी पप्पन, रवि, सुंदर सिंह, आशु, सलेमपुर के चित्सौन निवासी प्रदीप पारछा, नोएडा के असगरपुर निवासी दीपक कुमार, फरीदाबाद निवासी कृष्णा बेनीवाल, गाजियाबाद निवासी राजेंद्र कुमार और नीलम के रूप में हुई है।

अलग-अलग घरों में होती थी ‘गुप्त प्रेयर मीटिंग...

गिरोह पप्पन की मदद से गांव के अलग-अलग घरों में चोरी-छिपे ‘गुप्त प्रेयर मीटिंग’ कराता था। इन सभाओं में अधिकतर दलित परिवारों को बुलाया जाता। पहले ईसाई प्रार्थना करवाई जाती, फिर धीरे-धीरे हिंदू रीति-रिवाज छोड़ने की बात समझाई जाती। इसमें कोई पादरी शामिल नहीं होता, बल्कि स्थानीय स्तर पर ठेकेदार, सफाईकर्मी जैसे लोग ही प्रचारक बनकर काम करते।

फंडिंग के स्रोत पर पुलिस की नजर

पुलिस का मानना है कि इस रैकेट को कहीं न कहीं से संगठित फंडिंग हो रही थी। शुरुआती जांच में कुछ संदिग्ध खातों के बारे में पता चला है, जिनकी ट्रांजैक्शन डिटेल खंगाली जा रही है। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपियों के अन्य राज्यों से भी कनेक्शन हो सकते हैं, जिसकी जांच के लिए टीमें गठित की गई हैं।

गांव के वाल्मीकि समाज से जुड़ा था गिरोह का नेटवर्क

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह का स्थानीय संपर्क पप्पन नाम का एक व्यक्ति है, जो वाल्मीकि समाज से है। इसी के जरिए बाहरी लोग गांव में आते और अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों से संपर्क साधते।

फंडिंग के स्रोत पर पुलिस की नजर

पुलिस का मानना है कि इस रैकेट को कहीं न कहीं से संगठित फंडिंग हो रही थी। शुरुआती जांच में कुछ संदिग्ध खातों के बारे में पता चला है, जिनकी ट्रांजैक्शन डिटेल खंगाली जा रही है। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपियों के अन्य राज्यों से भी कनेक्शन हो सकते हैं, जिसकी जांच के लिए टीमें गठित की गई हैं।

Published on August 12, 2025 by Reporter Kadeem Rajput TV Newsकल तक
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