तीसरा विश्व युद्ध छिड़ गया तो कौन देश रूस के पक्ष में खड़े होंगे और कौन यूक्रेन के साथ?....
Reporter Kadeem Rajput TV News कल तक
June 02, 2025

World War-3: दुनिया के कई देशों में बढ़ते टकराव से तीसरे विश्व युद्ध की स्थिति पर काफी चर्चा हो रही है.
दुनिया के कई देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. एक तरफ रूस, यूक्रेन से कई सालों से जंग लड़ रहा है. वहीं, इजरायल और तुर्की के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा एशिया में पाकिस्तान और भारत के बीच तनातनी है. दुनिया के शक्तिशाली देशों के बढ़ते टकराव के बाद तीसरे विश्व युद्ध को लेकर चर्चा होने लगी है. दुनिया के सामने एक सैन्य संकट खड़ा होता नजर आ रहा है.
ऐसे में कई सवाल पैदा होते हैं कि अगर तीसरा विश्व युद्ध छिड़ा तो क्या होगा? कौन सा देश किसके साथ होगा? कौन देश किसका दोस्त बनेगा और कौन किसका दुश्मन? अमेरिकी और रूस के गुट में कौन-कौन होगा? तो समझते हैं कि आज की स्थितियों के हिसाब से तीसरे विश्व युद्ध में दुनिया के देशों की क्या स्थिति होगी?
रूस और यूक्रेन युद्ध के अलावा इजरायल और हमास की जंग में गाजा पट्टी के लोग तबाह हो चुके हैं. अक्टूबर 2023 में हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसके जवाब में इजरायल ने भी सैन्य एक्शन लिया. अब पश्चिम एशिया का पूरा इलाका इस आग की चपेट में आ रहा है. अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर सीधे युद्ध तो नहीं, लेकिन कन्फ्लिक्ट चल रहा है. ईरान और इजरायल के बीच भी चला आ रहा है. अफ्रीका के कई हिस्से भी गृहयुद्ध की आग में झुलस रहे हैं. सूडान में साल 2023 से दो सैन्य गुटों के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है जिसने देश को बर्बाद कर दिया है . वहीं माली, बुर्किना फासो, हैती और नाइजर जैसे देश चरमपंथी हिंसा के जाल में फंसे हुए हैं.
मध्य पूर्व दो दशकों से शायद ही कभी शांत रहा हो. इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी समूह अब भी कहीं न कहीं एक्टिव हैं. चीन और ताइवान के रिश्ते लगातार कड़वे होते जा रहे हैं. अभी सीधी लड़ाई नहीं लेकिन दबाव बढ़े तो ताइवान भी आक्रामक हो सकता है, ऐसे संकेत वो दे रहा है.
पहले विश्व युद्ध में क्या हुआ था?
साल 1914-1918 में हुए पहले विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्र और केंद्रीय शक्तियां आमने सामने थीं. मित्र राष्ट्र में फ्रांस, ब्रिटेन, सोवियत संघ, इटली, अमेरिका, जापान थे जबकि केंद्रीय शक्तियों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ऑटोमन साम्राज्य, बुल्गारिया जैसे देश थे. इसमें 2 करोड़ लोगों की मौत हो गई थी.
दूसरे विश्व युद्ध में क्या हुआ था?
साल 1939-1945 तक हुए दूसरे विश्व युद्ध में करीब 8 करोड़ लोगों की जान गई थी. ये युद्ध मित्र राष्ट्र धुरी राष्ट्र के बीच था. मित्र राष्ट्र में फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, सोवियत संघ और चीन थे जबकि धुरी राष्ट्र में जर्मनी, इटली जापान जैसे देश थे.
तीसरे विश्व युद्ध में क्या स्थिति होगी?
वैसे रूस के राष्ट्रपति पुतिन इस वक्त यूक्रेन में NATO देशों के दखल बेहद खफा हैं. पुतिन ने पहले कहा है कि NATO का हस्तक्षेप "सभ्यता के विनाश" का कारण बन सकता है. मई 2024 में, दिमित्री मेदवेदेव ने परमाणु युद्ध की चेतावनी दी थी. अगर रूस इस हमले को NATO की चुनौती मानता है तो पुतिन अनकहा, अनदेखा और अनचाहा भी कर सकते हैं. इस आशंका को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और वहां के खड़े रणनीतिकार भी कह चुके हैं. ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि यह संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है.
तीसरे विश्व युद्ध की स्थिति अभी तक काल्पनिक है और ये कैसा होगा भू-राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक कारणों पर निर्भर करेगा. अगर मौजूदा हालात के हिसाब से देखें तो कई समूहों में दुनिया के शक्तिशाली देश बंट सकते हैं.
एक स्थिति- बन सकते हैं दो गुट
अगर तीसरे विश्व युद्ध में दो गुट बनते हैं तो एक गुट अमेरिका का और दूसरा गुट रूस का हो सकता है. इस स्थिति में अमेरिका के साथ यूरोप के कई देश शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा नाटो कंट्री भी अमेरिका के साथ आ सकती है. यूरोप के कुछ देश ब्रिटेन के रुख के बाद अपना पाला तय कर सकती है. इसके अलावा रूस, चीन उत्तर कोरिया और अरब देश शामिल दूसरे गुट में शामिल हो सकते हैं.
दूसरी स्थिति- बन सकते हैं कई गुट
इसके अलावा एक स्थिति में कई गुट बन सकते हैं. एक गुट पश्चिमी गठबंधन का हो सकता है, जिसमें नाटो देश एक साथ हो सकते हैं. ये वो देश हैं, जो रूस और यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के साथ नजर आ रहे हैं. इन देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली, पोलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया आदि देश हो सकते हैं. अगर इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की बात करें तो ये भी इनके साथ खड़े दिखाई दे सकते हैं.
इसके अलावा एक गुट में यूक्रेन के खिलाफ वाले देश, जो रूस के साथ हैं, वो एक गुट में दिखाई दे सकते हैं. इसमें रूस, बेलारूस, उत्तर कोरिया, ईरान और संभवतः चीन एक साथ दिख सकते हैं. कुछ अन्य देश जैसे सीरिया, वेनेजुएला और क्यूबा भी रूस का समर्थन कर सकते हैं. हालांकि, इनकी स्थिति बाद में डिसाइड होगी.
वहीं, एक गुट उन देशों का भी देखने को मिल सकता है, जिसमें न्यूट्रल भूमिका में होंगे. ये युद्ध में सीधे शामिल नहीं होंगे और शांति वार्ता में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इनमें भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश हो सकते हैं. इसके अलावा कुछ खाड़ी देश भी रूस के साथ नहीं जाते हैं तो इस गुट में दिख सकते हैं.
कैसे रुकता है युद्ध?
वैसे तो इसका कोई तय फॉर्मूला नहीं है. लड़ाई के बाद कई चरण आते हैं, जैसे प्रिलिमिनरी टॉक. ये आमतौर पर देशों के लीडर या पीसकीपिंग संस्थाएं कराती हैं. इसमें लड़ रहे लोग साथ बैठकर बात करते हैं. इसके बाद नेगोशिएशन होता है, यानी शर्तें रखी जाती हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा तो कुछ लिखीपढ़ी के साथ शांति स्थापित हो जाती है.
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