दिल्ली से सालार गाजी का कूच और बहराइच में राजा सुहेलदेव की जीत,शौर्य मेले का जानें इतिहास जहां पहुंच रहे CM योगी...TV Newsकल तक

RKRTNत

Reporter Kadeem Rajput TV Newsकल तक

June 10, 2025

दिल्ली से सालार गाजी का कूच और बहराइच में राजा सुहेलदेव की जीत,शौर्य मेले का जानें इतिहास जहां पहुंच रहे CM योगी...TV Newsकल तक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक का लोकार्पण करेंगे. सीएम जिस शौर्य मेले में शामिल होने जा रहे हैं, उसका इतिहास क्या है?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 10 जून को बहराइच में होंगे. सीएम योगी बहराइच में चित्तौरा झील के किनारे नवनिर्मित महाराजा सुहेलदेव स्मारक का लोकार्पण करेंगे. करीब 39 करोड़ 49 लाख रुपये की लाग से निर्मित इस स्मारक में हाथ में भाला और कंधे पर धनुष लिए घोड़े पर सवार महाराजा सुहेलदेव की 40 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है. इस आयोजन में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख और योगी कैबिनेट में मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी शामिल होंगे.ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने इस मौके पर शौर्य मेले का भी आयोजन किया है. सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 10 जून को महाराजा सुहेलदेव की निर्णायक जीत के स्थल बहराइच में भव्य विजय दिवस समारोह आयोजित करने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि यह हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को जीवंत और संरक्षित करने का अवसर होगा.

महाराजा सुहेलदेव के पराक्रम को याद करने के लिए आयोजित विजय दिवस और शौर्य मेले का इतिहास क्या है?

श्रावस्ती के शक्तिशाली राजा रहे महाराजा सुहेलदेव का बहराइच और आसपास के इलाकों में शासन था. महमूदइसका असर ये हुआ कि दशकों आक्रमणकारी अवध क्षेत्र की ओर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. बाद में महमूद गजनवी के भांजे और सेनापति सैयद सालार मसूद गाजी ने दिल्ली से विशाल सेना लेकर अवध की ओर कूच कर दिया. गजनवी के सोमनाथ मंदिर में लूट से दुखी महाराज सुहेलदेव ने बंजारा और थारू जैसे समुदायों को साथ लेकर गुरिल्ला युद्ध छेड़ दिया.दिल्ली से निकली गजनवी की सेना ने मेरठ का युद्ध जीता और आगे बढ़ गई. मेरठ युद्ध जीतकर बढ़े मनोबल के साथ आगे बढ़ी गाजी मियां की अगुवाई वाली विशाल सेना ने बहराइच पर हमला कर दिया.

बहराइच के राजा मोरध्वज के पुत्र और कुशल योद्धा महाराजा सुहेलदेव की सेना और गाजी मियां की विशाल सेना के बीच भीषण लड़ाई छिड़ गई. मसूद की सुसज्जित सेना को महाराजा सुहेलदेव ने रणनीतिक कौशल से मात दे दी. महाराज सुहेलदेव ने इस विशाल सेना का सामना करने के लिए लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ और बाराबंकी समेत छोटे-छोटे राजाओं कीकी मदद ली और गठबंधन सेना ने विशाल सेना को हरा दिया था. बहराइच की यह निर्णायक लड़ाई चित्तौरा झील के किनारे हुई थी.

युद्ध में मारे गए सैयद सालार मसूद गजनवी को बहराइच में ही दफना दिया गया था, जहां बाद में मुस्लिम शासकों ने कब्र बनवा दिया था. यहीं पर हर साल जेठ के महीने में गाजी मियां का मेला लगता था और 10 जून को बारात निकलती थी. इसी दिन हिंदू संगठन विजय दिवस मनाते आ रहे थे. ओमप्रकाश राजभर की पार्टी चित्तौरा झील के किनारे महाराजा सुहेलदेव का स्मारक बनाने की मांग कर रही थी. अब यह स्मारक बनकर तैयार हो गया है, जिसका लोकार्पण सीएम योगी करेंगे.

Published on June 10, 2025 by Reporter Kadeem Rajput TV Newsकल तक