3 दिसंबर 2018 को बड़ी त्रासदी से बचा बुलंदशहर:औरंगाबाद पुलिस ने इज्तमा से निकली लाखों की भीड़ को स्याना भेजने की बजाय बदला रूट... TV Newsकल तक

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Reporter Kadeem Rajput TV Newsकल तक

July 31, 2025

3 दिसंबर 2018 को बड़ी त्रासदी से बचा बुलंदशहर:औरंगाबाद पुलिस ने इज्तमा से निकली लाखों की भीड़ को स्याना भेजने की बजाय बदला रूट... TV Newsकल तक

3 दिसंबर 2018… ये तारीख बुलंदशहर के इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज हो गई। स्याना के महाब गांव से शुरू हुई हिंसा ने चिंगरावठी पुलिस चौकी को जला डाला। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमित की जान गई। माहौल तनावपूर्ण हो चुका था और देखते ही देखते हिंसा विकराल रूप लेने लगी। ‎हिंसा के दिन ही बुलंदशहर में तीन दिवसीय इज्तमा भी समाप्त हुआ था। इज्तमा में शामिल लाखों मुस्लिम श्रद्धालु स्याना मार्ग होते हुए मुरादाबाद और अमरोहा की ओर निकल रहे थे। अगर यही भीड़ हिंसा से प्रभावित स्याना पहुंचती, तो हालात और भी भयावह हो सकते थे। ‎‎औरंगाबाद पुलिस ने बचा लिया शहर ‎‎हिंसा और इज्तमा की भीड़ का समय और स्थान एक होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया था। भीड़ को स्याना की ओर न भेजकर जहाँगीराबाद से अनूपशहर होते हुए संभल की ओर रूट डायवर्ट कर दिया गया। लेकिन ऐन मौके पर औरंगाबाद पुलिस ने सूझबूझ दिखाई। इससे लाखों की भीड़ का सीधा टकराव हिंसा वाले इलाके से टल गया। पुलिस, प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए हालात बेकाबू हो जाते। ‎बड़ा टकराव टल सकता था ‎यदि यह भीड़ औरंगाबाद होते हुए स्याना की ओर बढ़ती, तो उस समय वहां पहले से ही भड़की हिंसा और भी गंभीर रूप ले सकती थी। लेकिन एक फैसले ने पूरे जिले को बड़ी आग में झुलसने से बचा लिया।

‎एक फैसले से टल गई बड़ी त्रासदी...

‎‎3 दिसंबर की हिंसा के दौरान जिस प्रकार औरंगाबाद पुलिस ने हालात को भांपते हुए रूट बदला, वह मिसाल बन गया। लाखों की भीड़ को बिना भड़काए शांति से संभल की ओर रवाना कर देना, कानून व्यवस्था के मोर्चे पर एक अहम जीत थी।

Published on July 31, 2025 by Reporter Kadeem Rajput TV Newsकल तक
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