बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के विरोध में आर-पार की लड़ाई..

KRB

Kadeem Rajput Bulandshahr

May 28, 2025

बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के विरोध में आर-पार की लड़ाई..

यूपी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के विरोध में आर-पार की लड़ाई पर उतर चुके कर्मचारियों ने कदम पीछे खींच लिए हैं। 29 मई से प्रदेश के एक लाख संविदा और नियमित कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से कार्य बहिष्कार की घोषणा कर रखी थी। लेकिन, कंपनी की ओर से बर्खास्तगी की चेतावनी के चलते कर्मचारी बैकफुट पर आ गए।

प्रदेश सरकार की ओर से 7 दिसंबर, 2024 को ही लागू किए गए एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट (एस्मा) से भी कर्मचारी दबाव में थे। बिजली कंपनियों की ओर से 500 से अधिक इंजीनियरों काे नोटिस जारी कर कार्य बहिष्कार में शामिल होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी जा चुकी थी। हालांकि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आम लोगों की तकलीफों का हवाला देते हुए 29 मई को कार्य बहिष्कार की घोषणा को स्थगित कर दिया है।

हालांकि, निजीकरण के विरोध में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से नियामक आयोग में मंगलवार को एक याचिका दायर की गई। इसमें निजीकरण की प्रक्रिया को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की गई है।

बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार से कौन सी सेवाएं प्रभावित होतीं? बिजली कंपनी की ओर से क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी? कंपनी अधिकारियों ने आंदोलन कुचलने के लिए कौन से नियम बदले? निजीकरण की कौन-सी प्रक्रिया नहीं अपनाने पर नियामक आयोग एक्शन ले सकता है?

निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार के निर्णय पर पहुंचे कर्मचारियों की पीड़ा विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने व्यक्त की। कहा- 181 दिन से हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। इस दौरान किसी उपभोक्ता को कोई परेशानी नहीं हुई। ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ कि इतने दिनों से लगातार एक आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। करीब 1 लाख बिजली कर्मचारी, इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, संविदा कर्मचारी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

दुबे ने आगे बताते हैं- कार्य बहिष्कार की नोटिस हमने 9 अप्रैल को लखनऊ में आयोजित विशाल रैली में दे दी थी। उसमें चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की जानकारी दी गई थी। इसमें 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार भी शामिल था। बिजली उपभोक्ता फोरम, किसान यूनियन से बातचीत और इस गर्मी में आम जनता को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके चलते हमने कार्य बहिष्कार को टाल दिया है। लेकिन, प्रबंधन की वीडियो कांफ्रेंसिंग (VC) का बहिष्कार जारी रहेगा। मंगलवार को भी उनकी VC का 233 इंजीनियरों ने बहिष्कार किया।

Published on May 28, 2025 by Kadeem Rajput Bulandshahr